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मुख्य न्यायाधीश पर अभद्रता करने वाले अधिवक्ता को कठोर सजा की जरूरत : रघुराई राम

मुख्य न्यायाधीश पर अभद्रता करने वाले अधिवक्ता को कठोर सजा की जरूरत : रघुराई राम

विकास कुमार

मेराल। एससी एसटी कर्मचारी संघ के जिला इकाई गढ़वा के आपात बैठक में रघुराई राम की अध्यक्षता में भारत के प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई के साथ कोर्ट में सुनवाई के दौरान 6 अक्टूबर 2025 को हुई जूता चला कर अभद्रता करने की कोशिश की गई थी। जिसको लेकर रघुराई राम ने कहा कि पूरे देश के लिए ऐसी घटना अत्यंत ही निंदनीय एवं शर्मनाक है। इस घटना कि जितना भी निंदा की जाए कम है। सभी देशवासियों को इसका समुचित संज्ञान लेने की जरूरत है। आज भी इस देश में इतनी घटिया मानसिकता के लोग हैं जिन्हें एक कमजोर वर्ग का प्रधान न्यायाधीश स्वीकार नहीं है। इस देश में कमजोर वर्ग से प्रधानमंत्री कैसे बर्दाश्त होगा। यही कारण है कि देश के दलित वर्ग के लोगों से हजारों संगठन बनवाकर उन्हें अलग-अलग रखने की कोशिश है ऐसी मानसिकता के लोगों द्वारा की जा रही है। ताकि पिछड़ी दलित लोगों के हाथों में राजनीतिक सत्ता ना आए। उन्होंने कहा, हालांकि बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया ने हमलावर अधिवक्ता को निलंबित कर दिया है। जो काफी नहीं है इस घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कर कठोर से कठोर सजा दिलाने की जरूरत है एससी एसटी कर्मचारी संघ गढ़वा के आपात बैठक कर शर्मनाक घटना की निंदा की है। बैठक में रघुराई राम के अलावा शिवनाथ राम, गौतम कुमार, विद्यार्थी कुमार, सुरेंद्र राम, निरंजन कुमार, दिलीप कुमार, संतोष कुमार, मोती राम,अनुज सिंह आदि उपस्थित थे।

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