जमीन माफिया पर चुप, विपक्षी विधायक पर फिजूल आरोप : डॉ लालमोहन

मेराल प्रखंड विधायक प्रतिनिधि डॉ लाल मोहन ने झामुमो पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि झामुमो के नेता चुनाव हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। जेएमएम गढ़वा जिले के वरिष्ठ नेता एवं मेराल प्रखंड के कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब शेयर किया जा रहा है। जिसमें मेराल निवासी योगेश्वर राम अपनी समस्या लेकर डूमरी विधायक जयराम महतो के पास पहुँचे हैं। डॉ लालमोहन ने कहा कि वीडियो के साथ ही जेएमएम कार्यकर्ता यह कैप्शन चिपका रहे हैं कि गढ़वा विधायक के निकम्मे रवैये के कारण गढ़वा की जनता अपनी समस्या लेकर जयराम महतो के पास जा रही है। गढ़वा विधायक को जनता और जनसमस्याओं से कोई मतलब नहीं है। लेकिन बिगत वर्ष 2021 में जब योगेश्वर राम ने मेराल अंचल में अपनी ज़मीन बचाने के लिए परिवार के साथ अनशन पर बैठे थे। उस समय गढ़वा से जेएमएम के ही विधायक सह मंत्री थे। योगेश्वर राम न्याय के लिए दौड़-भाग एवं गुहार लगाते रहे, लेकिन सत्ता में बैठे लोग खामोश रहे। गरीबी के मारे उनके पास भूख हड़ताल के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। स्थिति इतनी गंभीर हुई कि झामुमो के ही मंत्री मिथिलेश ठाकुर को अपने प्रखंड कमेटी के माध्यम से हस्तक्षेप कराना पड़ा। अंचलाधिकारी मौके पर पहुँच कर अपने हाथों से जूस पिलाकर योगेश्वर राम का अनशन तुड़वाया। और उस समय भरोसा दिया गया कि न्याय ज़रूर मिलेगा। लेकिन सवाल है आखिर उस न्याय का क्या हुआ। आज वही जेएमएम कार्यकर्ता सोशल मीडिया पर नैतिकता का पाठ पढ़ाते नज़र आ रहे हैं और यह ड्रामा कर रहे हैं कि गढ़वा की जनता अपनी समस्या सीधे जेएमएम नेताओं के पास रखे।जबकि सच यह है कि जमीन माफिया को प्रश्रय देने की बात खुद जेएमएम के मंत्री और मुख्यमंत्री मंच से स्वीकार कर चुके हैं। मंत्री इरफान अंसारी ने कहा था कि जमीन माफिया को सीओ संरक्षण दे रहे हैं। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने माना था कि बीडीओ और सीओ कार्यालय दलालों का अड्डा बन चुका है। अब सवाल यह उठता है कि जब मंत्री और मुख्यमंत्री की बात तक अधिकारी नहीं सुन रहे, लेकिन विपक्ष का विधायक जनता के लिए हमेशा सुख-दुख में साथ रहेगा। गढ़वा के जेएमएम कार्यकर्ता अपनी हार से उपजी कुंठा में उल्टे-सीधे आरोप मढ़कर जनता को गुमराह करने में लगे हैं।



