डॉ राजेंद्र प्रसाद विद्वता,महानता तथा भारतीय संस्कृति के जीवंत प्रतिमूर्ति थे: ब्रजेश

डॉ राजेंद्र प्रसाद विद्वता,महानता तथा भारतीय संस्कृति के जीवंत प्रतिमूर्ति थे: ब्रजेश


विकास कुमार
मेराल । स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ.राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनाई गई। प्रखंड मुख्यालय स्थित एस डी मेमोरियल एकेडमी में बुधवार को विद्यालय के निदेशक, शिक्षक, शिक्षिकाएं तथा विद्यार्थियों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि कर उन्हें श्रद्धा के साथ नमन किया। निदेशक ब्रजेश कुमार मिश्र ने डॉ राजेंद्र प्रसाद के विद्यार्थी जीवन, स्वतंत्रता आंदोलन तथा संविधान निर्माण में उनकी भूमिका एवं राष्ट्रपति के कार्यकाल पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद विद्वता,महानता तथा भारतीय संस्कृति के प्रति मूर्ति थे। सादा जीवन उच्च विचार उनका मूल मंत्र था जो हर पीढ़ी के लिए अनुकरणीय है। लोगों के लिए जीवन का मूल मंत्र होना चाहिए।अपनी जिम्मेवारी के प्रति प्रतिबद्धता,सहज तथा सरल रहते हुए बड़े से बड़े कार्यो को अंजाम तक पहुंचाने की कला सभी को अपनाना चाहिए। इस अवसर पर प्राचार्य अरुण कुमार कार्यक्रम का संचालन कर रहे अमरेंद्र कुमार मिश्र, मृत्युंजय पांडे, पीयूष कुमार पांडे, इरशाद अंसारी, देवकृति टोप्पो, अंशु कुमारी, एनिमा कुजूर, मीना केरकेट्टा, नसरीन खातून, जयप्रकाश पांडेय, छात्रा दीपांजलि कुमारी एवं अन्य विद्यार्थियों ने भी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जीवनी पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त कई अन्य शिक्षण संस्थानों में भी डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जयंती मनाई गई।



